हमने अपनी अगली यात्रा शंकरपुर ब्लाक के चिरुआ मधेली पंचायत से शुरू की. जगह बदलती जाती पर तसवीर वही रहती.इस पंचायत के हीरोलवा गांव में अभी तक जिंदगी पटरी पर नहीं आयी है. खेतों में ढाई से तीन फीट तक पानी अब भी भरा है. सबसे अधिक दुश्वारियां जानवरों के लिए है. ग्रामीण इलाकों के लिए पशुधन से बडा कुछ भी नहीं। आज वही धन यहां के लोंगों के हाथ से फिसलता जा रहा है. अकेले हीरोलवा गांव में 600 से 700 बकरियां मर चुकी हैं. गाय भैंस भी लगातार दम तोड रहे हैं. बाढ से सबसे अधिक नुकसान जानवरों को हुआ. बाढ के पानी में हजारों जानवर ग्रामीण और इंसान मर गये. उनके मरने से वह पानी विषैला हो गया. जो जानवर बचे, उन्हें वही पानी पीने को मजबूर होना पडा. विषैला पानी पीने से जानवर लगातार मरते रहे और ग्रामीण बेबस आंखों से उन्हें मरते हुए देखते रहे. उनके पास इसके सिवाय कुछ और रास्ता नहीं है. जो खुद अपनी प्यास बुझाने के लिए संघषर् कर रहे हों, वह अपने जानवरों के लिए पीने के पानी का इंतजाम कहां से करें। हिरोलवा के मात्र 10 से 15 फीसदी परिवारों के पास ही पिछले साल का अनाज बचा है. बाकी 80 फीसदी परिवारों को एक जून की रोटी के भी लाले हैं.
हीरोलवा से आगे बढने पर मधेली साइफन मिलता है. यहां नीचे से नदी ओर पुल से नहर गुजरती है. कोसी ने जब उफान मारा तो साइफन टूट गया. नहर और नदी एक हो गयी. जहां सूखा था, वहां 15 से 16 फुट पानी आ गया और तेज धारा बहने लगी. मोजमा में दो जगह नहर और एक जगह साइफन टूट गया. जिरवा नदी जो मौसमी नदी बन गयी थी, अब भरपूर नदी बन चुकी थी, इसकी धारा इतनी तेज हो चुकी थी, कि गांव के गांव इसमें समाते चले गये. मोजमा पंचायत में भी पानी भर गया. अब यहां से पानी उतर गया है. लेकिन अपने पीछे जानवरों की हड्डियों का ढेर छोड गया. इनमें सबसे ज्यादा बकरियां हैं।
रायफल ढूंढने के एक हजार
इस बीच, एक वाकिया हुआ जो ग्रामीण कभी नहीं भुलते. मौजमा हिरोलवा के बीच जो नहर टूटी थी, उसमें बीडीओ और सिपाहियों की नाव पलट गयी. सिपाही तो किसी तरह बाहर आ गये, लेकिन उनकी रायफल डूब गयी. वहीं घोषणा की गयी कि रायफल ढूंढने पर ग्रामीणों को एक हजार रुपये इनाम मिलेगा. ग्रामीणों ने काफी मशक्कत के बाद रायफल तो ढूंढ दी, लेकिन इनाम अभी तक नहीं.
Friday, December 19, 2008
आंखों के सामने मर रहे हैं जानवर
Posted by बिहार कोसी बाढ़् at 12/19/2008
Labels: बाढ डायरी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
नई जानकारियों के लिये
Subscribe to BIHAR KOSI BAADH by Email
यहां भी जायें
http://hindi.indiawaterportal.org/
hamara kaam
बाढ़ग्रस्त ज़िलों के हालात
Blog Archive
-
►
2010
(1)
- ► 08/01 - 08/08 (1)
-
►
2009
(3)
- ► 06/07 - 06/14 (2)
- ► 01/04 - 01/11 (1)
-
▼
2008
(35)
- ► 12/21 - 12/28 (3)
- ▼ 12/14 - 12/21 (3)
- ► 11/02 - 11/09 (2)
- ► 10/05 - 10/12 (1)
- ► 09/28 - 10/05 (1)
- ► 09/21 - 09/28 (1)
- ► 09/14 - 09/21 (2)
- ► 09/07 - 09/14 (10)
- ► 08/31 - 09/07 (12)
0 Comments:
Post a Comment